गुरुग्राम में सीएम विंडो,समाधान शिविर व अदालत से निर्माण और नक्शे पर रोक फिर भी मकान तैयार?
सत्य ख़बर, गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज:
गुरुग्राम में दबंग भूमाफियाओं की सीट पर बैठे में लापरवा अधिकारियों से इतना गहरा तालमेल है कि जागरूक नागरिकों द्वारा सीएम विंडो, समाधान शिविर तथा सभी उच्च अधिकारी को शिकायत देने के बाद भी अमित निर्माण पर सरकारी जमीनों पर हो रहे कब्जे को रोकने में नाकाम साबित हो रहे हैं। वहीं जागरूक लोगों का अदालत में जाने के बाद भी अधिकारी मामले में लिपापोती कर अदालत को भी गुमराह कर रहे हैं। ऐसे दर्जनों मामले पाश क्षेत्र ग्रामीण क्षेत्र तथा निगम की कॉलोनी में सैकड़ो की तादात में डीटीपी, नगर निगम, एचएसवीपी, जिला प्रशासन की फाइलों में दबे पड़े हुए हैं। वहीं ऐसा ही एक ताजा मामला पांश क्षेत्र डीएलएफ का सामने आया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पाश क्षेत्र डीएलएफ सिटी फेज 2 निवासी जय भगवान शर्मा ने एक शिकायत में कई बार सीएम विंडो पर दरखास्त दी तथा स्थानीय अदालत से भी भवन निर्माण पर रोक तथा नक्शा पास करने पर भी रोक के आदेश लिए। लेकिन इसके बावजूद भी मकान मालिक नेगुरुग्राम में सीएम विंडो,समाधान शिविर व अदालत से निर्माण और नक्शे पर रोक फिर भी मकान तैयार?
सत्य ख़बर, गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज: गुरुग्राम में दबंग भूमाफियाओं की सीट पर बैठे में लापरवा अधिकारियों से इतना गहरा तालमेल है कि जागरूक नागरिकों द्वारा सीएम विंडो, समाधान शिविर तथा सभी उच्च अधिकारी को शिकायत देने के बाद भी अमित निर्माण पर सरकारी जमीनों पर हो रहे कब्जे को रोकने में नाकाम साबित हो रहे हैं। वहीं जागरूक लोगों का अदालत में जाने के बाद भी अधिकारी मामले में लिपापोती कर अदालत को भी गुमराह कर रहे हैं। ऐसे दर्जनों मामले पाश क्षेत्र ग्रामीण क्षेत्र तथा निगम की कॉलोनी में सैकड़ो की तादात में डीटीपी, नगर निगम, एचएसवीपी, जिला प्रशासन की फाइलों में दबे पड़े हुए हैं। वहीं ऐसा ही एक ताजा मामला पांश क्षेत्र डीएलएफ का सामने आया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पाश क्षेत्र डीएलएफ सिटी फेज 2 निवासी जय भगवान शर्मा ने एक शिकायत में कई बार सीएम विंडो पर दरखास्त दी तथा स्थानीय अदालत से भी भवन निर्माण पर रोक तथा नक्शा पास करने पर भी रोक के आदेश लिए। लेकिन इसके बावजूद भी मकान मालिक ने पूरा मकान डीटीपी विभाग की मिलीभगत से पूरा मकान कई मंजिल बनाकर खड़ा कर लिया। जिसमें शिकायतकर्ता ने कानून का सहारा लेते हुए कई अधिकारियों के खिलाफ अदालत की अवमानना की भी शिकायत दर्ज कराई मगर अधिकारियों के सर पर जू तक नहीं रेंगी।
शिकायतकर्ता जय भगवान शर्मा का कहना है कि उन्होंने अपने ही मकान के सामने एन-2 / 25, 1 डीएलएफ सिटी फेज दो के बारे में सीएम विंडो में कई शिकायत की और वह पिछले काफी दिनों से सीएम विंडो के चक्कर काट रहे हैं। उनका कहना है कि पड़ोसी निर्माण कर पूरा न भवन बना चुका है। उन्होंने जब प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत और लापरवाही की का अंदेशा लगा तो अदालत की शरण में भी गए। जिसपर अदालत ने भी भवन निर्माण के नक्शे पास करने और आगे निर्माण न होने देने के लिए स्टे लगा दी। लेकिन टाउन प्लानिंग के अधिकारी नई-नई कहानी बनकर अवैध निर्माण कराते रहे अब हालात यह हो गई है कि पूरा मकान बन चुका है वह अदालत की अवमानना कर मकान में ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट लिए बिना ही रहने लगा है।
इस बारे में उन्होंने सीएम विंडो में 9वीं शिकायत दी है। उन्होंने बताया कि इससे पहले वाली शिकायत पर डीपी प्लानिंग प्रवीण चौहान ने हस्ताक्षर कर सीएम विंडो में उनकी शिकायत को फाइल कर दिया। उसे पर साफ लिखा हुआ है कि शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं है और हरियाणा सरकार ने एमिनेंट सिटिजन इन शिकायतों पर ध्यान देने के लिए नियुक्त किए थे। उनके भी हस्ताक्षर नही हैं। सीएम विंडो में शिकायत होने के बावजूद अधिकारी मनमानी कर अपना वही काम कर रहे हैं जिस कमी के कारण ही अब समाधान शिविर लग रहे हैं।
उनका कहना है कि अधिकारी मिली भगत होने के कारण बहाना बनाते हैं कि स्थानीय अदालत ने जो स्टे दिया है वह ऐसा है वैसा है। उसका कोई उल्लंघन नहीं हो रहा । लेकिन उनके पास इसका कोई जवाब नहीं है की अदालत के आदेश, रोक के बावजूद कैसे नक्शा पास हो गया और कैसे निर्माण हो गया। उन्होंने स्पष्ट बताया कि यह भवन शुरू से ही गलत बन रहा है और जब अदालत ने निर्माण और नक्शा पास करने पर रोक लगा दी तब अधिकारियों ने गुमराह कर उसका नक्शा पास कर दिया जो गलत था और धीरे-धीरे निर्माण कराया गया जो गलत था इसके बारे में भी बार-बार शिकायत की गई तो इसकी पुष्टि हुई कि निर्माण गलत हो रहा है,अब अधिकारियों ने मिलीभगत से उस घर में रहने के लिए भी अप्रत्यक्ष रूप से सहमति दे दी है। वहीं इसी तरह के सैकड़ो मामले नगर निगम के सभी चारों जोनों में फाइलों में दबे पड़े हैं जिन पर अधिकारी कोई भी कानूनी कार्यवाही करने से कतरा रहे हैं। वहीं इस बात की चर्चाएं सरेआम है कि गुरुग्राम में जो भी अधिकारी आता है वह केवल उल्टे सीधे तरीके से धन कमाने की नीयत से आता है इसके बारे में हरियाणा सरकार के मंत्री भी सार्वजनिक मंच पर कई दफा बोल चुके हैं। पूरा मकान डीटीपी विभाग की मिलीभगत से पूरा मकान कई मंजिल बनाकर खड़ा कर लिया। जिसमें शिकायतकर्ता ने कानून का सहारा लेते हुए कई अधिकारियों के खिलाफ अदालत की अवमानना की भी शिकायत दर्ज कराई मगर अधिकारियों के सर पर जू तक नहीं रेंगी।
शिकायतकर्ता जय भगवान शर्मा का कहना है कि उन्होंने अपने ही मकान के सामने एन-2 / 25, 1 डीएलएफ सिटी फेज दो के बारे में सीएम विंडो में कई शिकायत की और वह पिछले काफी दिनों से सीएम विंडो के चक्कर काट रहे हैं। उनका कहना है कि पड़ोसी निर्माण कर पूरा न भवन बना चुका है। उन्होंने जब प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत और लापरवाही की का अंदेशा लगा तो अदालत की शरण में भी गए। जिसपर अदालत ने भी भवन निर्माण के नक्शे पास करने और आगे निर्माण न होने देने के लिए स्टे लगा दी। लेकिन टाउन प्लानिंग के अधिकारी नई-नई कहानी बनकर अवैध निर्माण कराते रहे अब हालात यह हो गई है कि पूरा मकान बन चुका है वह अदालत की अवमानना कर मकान में ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट लिए बिना ही रहने लगा है।
इस बारे में उन्होंने सीएम विंडो में 9वीं शिकायत दी है। उन्होंने बताया कि इससे पहले वाली शिकायत पर डीपी प्लानिंग प्रवीण चौहान ने हस्ताक्षर कर सीएम विंडो में उनकी शिकायत को फाइल कर दिया। उसे पर साफ लिखा हुआ है कि शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं है और हरियाणा सरकार ने एमिनेंट सिटिजन इन शिकायतों पर ध्यान देने के लिए नियुक्त किए थे। उनके भी हस्ताक्षर नही हैं। सीएम विंडो में शिकायत होने के बावजूद अधिकारी मनमानी कर अपना वही काम कर रहे हैं जिस कमी के कारण ही अब समाधान शिविर लग रहे हैं।
उनका कहना है कि अधिकारी मिली भगत होने के कारण बहाना बनाते हैं कि स्थानीय अदालत ने जो स्टे दिया है वह ऐसा है वैसा है। उसका कोई उल्लंघन नहीं हो रहा । लेकिन उनके पास इसका कोई जवाब नहीं है की अदालत के आदेश, रोक के बावजूद कैसे नक्शा पास हो गया और कैसे निर्माण हो गया। उन्होंने स्पष्ट बताया कि यह भवन शुरू से ही गलत बन रहा है और जब अदालत ने निर्माण और नक्शा पास करने पर रोक लगा दी तब अधिकारियों ने गुमराह कर उसका नक्शा पास कर दिया जो गलत था और धीरे-धीरे निर्माण कराया गया जो गलत था इसके बारे में भी बार-बार शिकायत की गई तो इसकी पुष्टि हुई कि निर्माण गलत हो रहा है,अब अधिकारियों ने मिलीभगत से उस घर में रहने के लिए भी अप्रत्यक्ष रूप से सहमति दे दी है। वहीं इसी तरह के सैकड़ो मामले नगर निगम के सभी चारों जोनों में फाइलों में दबे पड़े हैं जिन पर अधिकारी कोई भी कानूनी कार्यवाही करने से कतरा रहे हैं। वहीं इस बात की चर्चाएं सरेआम है कि गुरुग्राम में जो भी अधिकारी आता है वह केवल उल्टे सीधे तरीके से धन कमाने की नीयत से आता है इसके बारे में हरियाणा सरकार के मंत्री भी सार्वजनिक मंच पर कई दफा बोल चुके हैं।